कबीर कला मंच का समर्थन देने के पहले सोचे-
1-पूना के समाजवादी ब्राम्हणों को पहले आतंकवादी घोषित करना होगा और क्या इसका समर्थन कबीर कला manchwale घोषणा करेंगे?
2-छत्रपति शिवाजी महाराज और मासाहेब जिजाऊ की बदनामी करनेवाले पटवर्धन इस
मामले प्रमुख भूमिका अदा कर रहा है उस पटवर्धन का विरोध कबीर कला
manchwale लोगो को करना होगा .
3-मेधा पाटाकर,श्रीराम लागु,गिरीश कर्नाड,उषा वाघ ,विलास वाघ यह तो जहरीले साप है उनका साथ चोदना होगा।
यही मेधा और लागु ने जिजाऊ की बदनामी करने का समर्थन किया था और
उन्होंने बदनामी करनेवाले भंडारकर संस्था को पैसा दिया था।श्रीराम लागु भट
सम्राट है और मेधा पटाकर तो विस्तापितो की नेता नहीं बल्कि विस्तापन
करनेवाली पूंजीपतियों की
एजंट है!जस्टिस कोलसे पाटिल ने खुद काबुल
किया था की मेधा पाटकर ने जिस आन्दोलन में ध्यान दिया उसका सत्यानाश हुआ
है।क्यों की वह सरकारसे चुपके समजोता करती है।
पूना के समाजवादी
ब्राम्हण हमेशा बहुजनो में झगडे लगाने में लिप्त रहते है।मार्क्सवाद के नाम
पर अनुसूचित जाती तथा बैकवर्ड caste के लोगो को bramhanwadi व्यवस्था
मजबूत करने में लगाते है।इनके षड़यंत्र से सावधान रहो/और खास बात यह भी है
की ट्रेडिशनल ambedkarwad को त्यागना होगा।ब्राम्हण उद्देश में परिवर्तन
नहीं करते दावपेच में करते है।
मुझे यह कहना है की असली आतंकवादी या
नक्सलवादी पूना के समाजवादी ब्राम्हण है ,उसमे भी उषा वाघ और विलास वाघ
(उषा वाघ ने रखा हुआ पति )को गिरफ्त में लेना होगा।दैनिक मूलनिवासी नायक पर
हमला करने के लिए कबीर कला मंच के लडकियों का इस्तेमाल उषा वाघ और विलास
वाघ ने किया था।उसके मीटिंग में हरी नरके भी शामिल थे।केशव वाघमारे ने यह
मुझे बताया था जो उनका ही हिस्सा है।ब्राम्हणों को नहीं बक्शाना चाहिए।
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