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नामक ब्राम्हण ने एक पोस्ट मुझे शेयर किया जिसका हिंदी भाषिक लोगो को पता
हो इसलिए कुछ बाते यहाँ पर लिख रहा हु।लिखा ब्राम्हणों ने और नाम बताया
बैकवर्ड व्यक्ति का यही तो हातखंडा होता है ब्राम्हणों का।शीर्षक एस तरह
है-ब्राम्हणों को गालिया क्यों देते हो?.वास्तव में यह गलत प्रचार किया
जाता है की हम ब्राम्हणों को गाली देते है।गाली क्या होता है?जैसे की
-गांडू ब्राम्हण ,बहेनचोद ब्राम्हण ,भोसडिका ब्राम्हण ,xxx ,xxx
,xxxxxxxxxxxx
ऐसा हम लोग लिखते है क्या ?बोलते है क्या?सबूत
दो।वास्तव में ब्राम्हण कितने नीच हरकत पर जा सकते है इसके हर दिन के
हजारो नहीं लाखो साबुत दे सकते है।हम क्या कहते है जरा बताते है-3 %विदेशी
bramhanone भारत के लोकतंत्र पर कब्ज़ा किया।अल्पसंख्यांक विदेशी ब्राम्हणों
ने sc ,st ,obc को हिन्दू कहा यह हिन्दू शब्द भारतीय भाषा का शब्द नहीं है
यह संस्कृत भाषा का भी शब्द नहीं है यह हिन्दू शब्द गीता,रामायण,महाभारत
या किसी भी पुराण में नहीं मिलता।हिन्दू शब्द विदेशी मुगोलो ने भारत के
गुलामो को दी हुयी गाली है जिसका अर्थ गुलाम ,चोर,काला ,डाकू होता है।अब
सवाल है जब यह शब्द दिया जा रहा था तब ब्राम्हणों ने खुद को हिन्दू मानने
से इंकार किया था।और ब्राम्हणों ने मुगलों को अपनी बहु,बेटिया को भोगने के
लिए दिया।अकबर के राज्य में ब्राम्हणों का ही कब्ज़ा था।इसी लिए जो
ब्राम्हण 150 साल के अंग्रेजो के गुलामी के खिलाप आन्दोलन कर रहे थे वाही
ब्रम्हां मुगलों के खिलाप कोई भी आन्दोलन नहीं कर रहे थे .क्यों?और आज वाही
ब्राम्हण लोकतंत्र में अल्संख्यांक है और देश का pm और mp mla भी ब्रम्हां
जाती के वोट पर नहीं हो सकता एस लिए वह शिवाजी नगर में आकर कहता है की
गर्व से कहो हम हिन्दू है!अगर ब्राम्हण sc ,st obc को हिन्दू अर्थात गुलाम
भी कहता है और उन्हें गुलाम होने का गर्व कहता है और इससे कोई भी
प्रतिक्रिया नहीं होती क्यों की ब्रम्हां इसे धर्म के नाम पर बताता है।और
अल्पसंख्यांक विदेशी ब्राम्हण 3%होने के बावजूद केंद्र बैठा है,nayapalika
पर कब्ज़ा करता है सिल्याबस पर कब्ज़ा करता है ,मिलट्री पर कब्ज़ा करता है
,विश्वविद्यालयो पर कब्ज़ा करता है,कार्यपालिका,मिडिया पर कब्ज़ा करता है
क्या है यह?लोकतंत्र यह तो ब्राम्हण तन्रा है!यही न हम लोग बताते
है।ब्राम्हण ठग होता है,बदमाश होता है,लुच्चा होता है,लफंगा होता है,भाई
भाई में झगड़ा लगानेवाला होता है ,षड्यंत्रकारी होता है ,उसके एक नहीं करोडो
करोडो गुण है।उनके गुण बताना यह गाली नहीं है!
उस लेख में कोण कोण
अच्छे ब्रम्हां है उनके नाम बताये है -वि।डा सावरकर!-इनके बारे में क्या
बताये? जो संडास से भागा इस लिए वह संडास वीर हुआ!pl deshpandey,करंदीकर
,खांडेकर,सेनापति बापट,नानासाहेब गोरे ,अत्रे और बहुत सरे विद्वान्
ब्रम्हां जो 3%ब्राम्हणों का कब्ज़ा करने में सक्रीय थे उन्हें हम गर्व से
स्वीकारे?संभव नहीं है।एक बार पेरियार जी ने गाँधी को कहा की की यह
ब्राम्हणी धर्म में हम बहुसंख्य लोगो को शुद्र बनाये रखा और ब्राम्हणों को
उच रखा यह ब्राम्हणी उच्च नीच वाला धर्म ही नष्ट कर देना चाहिए .तब बनिया
गाँधी ने कहा की नहीं नहीं।ब्राम्हण इतने तो बुरे नहीं होते .ब्राम्हणों
में भी भले आदमी होते है।पेरियार जी ने उन्हें पुछा कोण कोण भले ब्राम्हण
है इसकी लिस्ट तो बताओ?गाँधी फस गए मग सोचने के बाद उन्होंने गोपाल कृष्ण
गोखले का नाम बताया।पेरियार बोले आप जसे महात्मा को केवल मात्र 1 ही
ब्राम्हण भला मिला?तो मुज जैसे शुद्र को कहा दिखाई देगा?गाँधी को नंगा
किया!आज वाही ब्राम्हण छत्रपति शिवाजी महाराज और मासाहेब जिजाऊ का
चरित्रहनन करते है और उस बदनामी के समर्थन के लिए जी जान लगते है!यही
ब्राम्हणों के अच्छाई का सबुत है?naypalika में बैठे ब्रम्हां भी उस बदनामी
का समर्थन करते है यही उनके अच्छाई का सबूत है?,यही विदेशी ब्राम्हण देश
भर में बम्ब विस्फोट करते है और बेगुनाह मुसलमानों को इसका जिम्मेदार
टहराते है यही उनके अच्छाई का सबूत है?शाहू महाराज ने सही कहा था की आठ
दिन मै पुना में रहकर मेरी यह राय बनी है की ब्राम्हण नाम के जानवर कभी
भी सुधर नहीं सकते!
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