Friday, 9 March 2012

तिलक ,चिपलूनकर नाम के भट ब्राम्हण रस्तापिता जोतीराव फुले और माता सावित्रीबाई फुले जी के आन्दोलन का मजाक उड़ाकर कहते थे की फुले का आन्दोलन पूना के हडपसर और भाम्बुरदा जिसे आज शिवाजी नगर कहते है ईससे आगे नहीं बढेंग!!आज देखो ब्राम्हण लडको तक मालूम नहीं की तिलक,चिपलूनकर कोंन थे और वे कब पैदा हुए थे ?मगर राष्टपिता जोतीराव फुले और माता सावित्रीबाई फुले जी का आन्दोलन बामसेफ और भारत मुक्ति मोर्चा ने ३० राज्यों में.५५० जिलो में और ३५००तहसीलों में और ४० देशो में पहुचा दिया है!!सारी दुनिया हमारे महापुरुषों को जानती है मगर तिलक,गोखले,रानडे,चिपलूनकर को सदशिव पेठ के बाम्हन भी नहीं जानते!!! माता saviribayi के परिनिर्वाण दिन पर अभिवादन.हम ब्रम्हानवादी व्यवस्ता को गाड़ेंगे और मूलनिवासी बहुजनो को आजाद करेंगे यह शपत लेते है.जय मूलनिवासी!!


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