मेरी एक ७२ साल की दोस्त है ,जिनका नाम कृष्नायी मंज्रामकर है जो मूलनिवासी है.उनके -रमयीच्या कविता नाम के कविता संग्रह को मैंने प्रस्तवना लिखकर दिया है.उसी कविता संग्रह के कुछ कविताओ का एक अल्बम बनाया गया है.उसी के कुछ गाने मई यहाँ दोस्तों को शेअर कर रहा hu.jai mulnivasi dosto!
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