Saturday, 23 July 2011

साथियों.ब्रम्हाण अधिवेशन के संधर्भ में कहा जाये तो यह बात सामने ई है की,छगन भुजबल,रामदास आठवले यह ब्राम्हणों के सम्मेलनों को पैसा देते है.और एक बात तब सामने आई जब घेसस गुरुजीने (ब्रम्हां सम्मलेन के जनक )सांगली में यह बताया की,अभ हम ब्राम्हण लोग ekkta हो रहे है तो हमें लोग पूछ रहे है,हम भले ही अल्पसंख्यांक हो फिर भी वे हमें पुछ रहे है,parkash आंबेडकर के बीवी (अंजलि मायदेव_जो कोकण की ब्राम्हण है )ने १४ अप्रैल को रात में मुझे फोन किया और कहा की हमारे ब्राम्हण लोगो को कहो प्रकाश को vote डालने के लिए,आगे गैसस गुरुजीने कहा की ,नाशिक के ब्राम्हण सम्मलेन में छगन भुजबल ने कहा की अप ही लोगो ने मेरे भतीजे को जितवाया. राष्टपिता जोतिबा फुले कहते है की मेरे शारीर पर ब्राम्हण की छाया भी नहीं पड़नी चाहिए और यह देखिये बहुजन के नेता कहने वाले जो ब्राम्हणों के तलवे चाटने के काम कर रहे है ?जिस दिनलोग बाबासाहेब का जन्म दिन मन रहे थे हुआ उसी दिन प्रकाश आंबेडकर की पत्नी ब्राम्हण को फोन करके बाबासाहेब का अपमान नहीं किया है?,उस घटना का न्यूज़ _डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर के साहित्य सामग्री पर कांग्रेस का अघोषित पाबन्दी ईस किताब में विस्तार से पढ़ सकते है. यहाँ है पूना करार का नतीजा.

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